दांत दर्द दूर करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

दांत दर्द से अच्छे खासे लोग परेशान रहते हैं।  अगर आयुर्वेद के कुछ घरेलू  उपचार पर ध्यान दिया जाए तो बहुत हद तक दांत के दर्द को कण्ट्रोल किया जा सकता है। आज हम यहाँ पर आयुर्वेद के कुछ जड़ी बूटियों के बारे में जिक्र करेगें जिसके माध्यम से दांत का देख भाल अच्छी तरह से कर सकते हैं।  आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां दांतों को साफ करती हैं, दांतों के दर्द को कम करती हैं और साथ ही साथ मसूड़ों, आंखों और नाक के लिए बेहद उपयोगी हैं।

दांत दर्द दूर करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
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दांत दर्द कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार-Ayurvedic medicines for toothache in Hindi

 

  1. अखरोट: इसके छिलके का पाउडर दांतों को साफ करने, मसूढ़ों को मजबूत बनाने में उपयोगी है।
  2. लौंग: दांत दर्द से राहत पाने के लिए यह एक निहायत ही कारगर उपाए है।
  3. रेड वुड ट्री: गार्गल स्टामाटाइटिस और गले में खराश के लिए अच्छा है।
  4. ओक गॉल्स: ओक, फिटकरी और कत्था का मिश्रण दांतों को साफ करता है। यह ढीले दांतों को ठीक करता है। इसके गरारे टॉन्सिल के लिए अच्छे होते हैं।
  5. लॉन्ग ज़ेडोरी: इसके राइजोम पाउडर का इस्तेमाल दांतों की सफाई के लिए किया जाता है। डिओडोरेंट्स के रूप में उपयोग किया जाता है।
  6. दांत दर्द का पेड़: इसके फल को चबाने से दांतों का दर्द कम होता है और मुंह में ताजगी आती है।
  7. दालचीनी : कॉटन स्वैब को दालचीनी के तेल में भिगोकर दांतों की कैविटी में रखने से दर्द को कम किया जा सकता है।
  8. खुरदुरा भूसा : इसकी जड़ का चूर्ण दांतों की सफाई के लिए लाभकारी होता है और रस दांतों के दर्द को कम करता है।
  9. इंडियन गम अरबी ट्री: इसके छाल को चबाने से ढीले दांत मजबूत होते हैं और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है। यह गंदे दांतों को भी साफ करता है।
  10. बकुला : पके फल का इस्तेमाल दांतों को साफ करने के लिए किया जाता है. इसके तनों का ब्रश करने से दांत साफ होते हैं। बबूल के मिश्रण से गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन और रक्तस्राव में आराम मिलता है।
  11. इंडियन नाइटशेड: इसके गरारे करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
  12. इलायची : इससे गरारे करने से मुंह और दांतों की गंध गायब हो जाती है। इसका बीज माउथ फ्रेशनर का काम करता हैं। और इसके तेल का इस्तेमाल दांत दर्द में किया जाता है।
  13. कैसिया फूल: दांत रोगों के लिए अच्छा है। मसूढ़ों के तेल की मालिश से खून बहना बंद होता है और मसूड़े मजबूत होते हैं। इसके गरारे करने से दांतों के दर्द में लाभ होता है।
  14. बौहिनिया : छाल की त्वचा का काढ़ा घावों को ठीक करता है। त्वचा का पेस्ट सूजन को कम करता है।
  15. टेलपेपर: यह एक अच्छा माउथ डिओडोरेंट है। दांतों की सफाई के लिए इसका पाउडर बेहद फायदेमंद होता है।
  16. भारतीय बीच: जड़ का पाउडर दांतों और मसूड़ों के लिए अच्छा होता है। बीज का तेल एंटीसेप्टिक, एनाल्जेसिक और एंटीप्रायटिक है। घावों और सूजन के लिए पत्तियों का पेस्ट बेहद उपयोगी होता है। यह कफ को भी दूर करता है।
  17. नट गैल : मसूढ़ों की समस्या के लिए इसके गरारे करने से लाभ होता है। मुंह की दुर्गंध के लिए उपयोगी।
  18. कपूर : दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए कपूर के तेल में डूबा हुआ स्वाब रखने से बहुत आराम मिलता है।
  19. कच्छ का पेड़ : इसका चूर्ण मसूढ़ों से खून आना बंद कर देता है। त्वचा रोग के लिए अत्यंत उपयोगी है। दंत क्षय और गुहाओं के लिए भी अच्छा है।
  20. कस्तूरी-मैलो : इसके बीज के चूर्ण का उपयोग माउथ डिओडोरेंट के रूप में किया जाता है। मुंह और गले में खराश की समस्या के लिए अच्छा है।

 

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