अष्टांग नमस्कार योग विधि, लाभ और सावधानी

अष्टांग नमस्कार क्या है -Ashtanga Namaskara in Hindi

 

अष्टांग नमस्कार सूर्य नमस्कार का एक मूलभूत हिस्सा है। वैसे लोग प्राय इसका अलग से प्रैक्टिस नहीं करते हैं लेकिन अगर इसके फायदे को देखें तो नियमित अभ्यास करना बहुत जरूरी हो जाता है।   संस्कृत में अष्टांग का अर्थ है “आठ अंग” या “आठ भाग” जबकि नमस्कार सम्मान देने का एक रूप है।  इस आसन में शरीर वास्तव में आठ विशिष्ट बिंदुओं में जमीन को छूता है: पैर, घुटने, छाती, ठुड्डी और हाथों की युक्तियाँ। इस योगाभ्यास को चतुरंग दण्डासन भी कहा जाता है। शुरुआती दौड़ में लोगों के लिए चतुरंग दंडासन के लिए आवश्यक भुजाओं की ताकत के निर्माण पर काम करने का यह एक शानदार तरीका है।  सूर्य नमस्कार में यह छठा आसन है।

अष्टांग नमस्कार योग विधि, लाभ और सावधानी
Ashtanga Namaskara

अष्टांग नमस्कार करने की विधि-Ashtanga Namaskara steps in Hindi

  • अगर आप इस आसन को सूर्य नमस्कार से अलग करना चाहते हैं तो  वज्रासन में  बैठें।
  • अपने हाथों को जमीन पर रखें और तब तक आगे बढ़ें जब तक कि बाहें पूरी तरह से जमीन पर न आ जाएं।
  • अब आप अपने पैरों के पिछले हिस्से को जमीन से ऊपर उठाएं और सुनिश्चित करें कि वे पैर की उँगलियाँ जमीन पर हो।
  • अब शरीर का वजन सँभालने ले लिए शरीर के बॉडी पार्ट्स जैसे पैरों, घुटनों, छाती और ठुड्डी और हाथों की जमीन  पर होंगें।  यह कुल आठ भाग है।
  • अब पेट को जमीन  से ऊपर उठाया जाता है।
  • कुछ देर तक इस पोजीशन में रहें और धीरे धीरे पहली की अवस्था में आ जाएं।
  • सूर्य नमस्कार में इसके बाद भुजंगासन क्या जाता है।

 

अष्टांग नमस्कार योग के फायदे-Ashtanga Namaskara benefits in Hindi

 

  1. यह आसन पीठ की स्वस्थ के लिए लाभदायक योग है।
  2. अष्टांग नमस्कार छाती को खोलने में मदद करता है।  इस तरह से फेपड़े से सम्बंधित बीमारियों को रोकने में मददगार है।
  3. इसका अभ्यास हाथ को मजबूती प्रदान करता है और साथ ही साथ आर्म बैलेंसिंग में अहम रोल अदा  करता है।
  4. चूँकि यह अभ्यास सूर्य नमस्कार का एक हिस्सा है। इसका नियमित रूप से अभ्यास करने से आप पेट की चर्बी तो कम सकते हैं।
  5. यह पैर की अँगुलियों को मजबूती देता है।
  6. इसके अभ्यास से पाचन में भी सुधार होता है।
  7. अगर सही तरीके से देखा जाए तो अष्टांग नमस्कार अंगुली से लेकर सिर तक के लिए एक उम्दा योग है।
  8. यह आपके शरीर  मजबूती देते हुए लचीलापन को भी बढ़ाता है।
  9. इसके अभ्यास से धीरे धीरे कमर की दर्द भी कम होने लगती है।

 

अष्टांग नमस्कार के सावधानियाँ-Ashtanga Namaskara precautions in Hindi

इस योग का अभ्यास निम्न हालात में नहीं करनी चाहिए

  • कार्पल टनल सिंड्रोम
  • कलाई में चोट
  • गर्दन दर्द
  • कंधे या कोहनी में चोट
  • गर्भवती
  • अधिक कमर दर्द में भी इसका अभ्यास न करें।
  • सिर दर्द

 

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