कूर्मासन योग विधि, लाभ और सावधानी

कुर्मासन क्या है। Kurmasana in Hindi

कूर्मासन संस्कृत शब्द ‘कूर्म’ से निकला है जिसका अर्थ होता है कछुआ।इसलिए इस आसन को कछुआ योग भी कहते है। इस आसन के अभ्या्स से मनुष्य स्वयं को मानसिक एवं इंद्रिय आसक्तियों से उसी तरह दूर कर लेता है, जिस प्रकार कछुआ स्वयं को अपने कवच में बंद कर लेता है।

 

कुर्मासन योग की विधि। Kurmasana Steps in hindi

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मूर्छा प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Murcha Pranayama in Hindi

मूर्छा प्राणायाम क्या है। Murcha Pranayama in Hindi

संस्कृत भाषा में मूर्छा का अर्थ होता है सभी मानसिक गतिविधियों के निलंबन की अवस्था। हठप्रदीपिका और घेरंडसंहिता दोनों ने मूर्छा प्राणायाम को प्राणायाम के आठ प्रकारों में शामिल किया है। किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए ये प्राणायाम कर पाना कठिन है। इसलिए कहा गया है कि यह प्राणायाम उपरोक्त प्राणायामों में निपुणता हासिल करने के बाद ही करना चाहिए। यह प्राणायाम ऊंचे लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार होता है। यह प्राणायाम सिद्धयोगी करते हैं। मूर्छा प्राणायाम आपको तनाव, चिंता एवं डिप्रेशन से बचाता है और साथ ही साथ मानसिक समस्याओं एवं नपुंसकता से प्रभावित रोगियों के लिए भी असरदार है।Murcha Pranayama in Hindi

 

मूर्छा प्राणायाम की विधि। Murcha pranayama steps in Hindi

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प्लाविनी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Plavini pranayama steps in hindi

प्लाविनी प्राणायाम क्या है। Plavini pranayama in Hindi

संस्कृत भाषा में प्लावन का अर्थ है तैरना। इस प्राणायाम के अभ्यास से कोई भी व्यक्ति जल में कमल के पत्तों की तरह तैर सकता है इसलिए इसका नाम प्लाविनी पड़ा। हठरत्नावली में, इसे भुजंगीमुद्रा कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति प्लाविनी प्राणायाम उपरोक्त प्राणायामों में निपुणता हासिल करने के बाद ही कर सकता है। सामान्यतया, सिद्धयोगी प्लाविनी प्राणायाम करते हैं। प्लाविनी प्राणायाम में अनुभव की आवश्यकता होती है और ये शुरुआत करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है। इस प्राणायाम का अभ्यास सुखासन या सिद्धासन में बैठकर किया जाता हैं| इसके अभ्यास में अपनी साँस को इच्छानुसार रोककर रखा जाता है इसलिए इस प्राणायाम को केवली या प्लाविनी प्राणायाम कहा जाता है|Plavini pranayama steps in hindi

 

प्लाविनी प्राणायाम की विधि। Plavini pranayama steps in Hindi

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भ्रामरी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Bhramri pranayama in Hindi

भ्रामरी प्राणायाम क्या है। Bhramri pranayama in Hindi

भ्रामरी शब्द की उत्पत्ति ‘भ्रमर’ से हुई है जिसका अर्थ होता है एक गुनगुनाने वाली काली मधुमक्खी। इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय साधक नासिका से एक गुनगुनाने वाली ध्वनि उत्पन्न करता है, यह ध्वनि काली मधुमक्खी की गूंज से मिलती-जुलती है, इसलिए इसका नाम भ्रामरी पड़ा है। योग की पुस्तक घेरंडसंहिता में भ्रामरी को दोनों हाथों से दोनों कानों को बंद कर श्वास लेने और रोकने के रूप में बताया गया है।Bhramri pranayama in Hindi

अर्धरात्रि गते योगी जन्तूनां शब्दवर्जिते।
कणौं पिघाय हस्ताभ्यां कुर्यात्पूरकुम्भकम्।। – घें. सं. 5/78

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शीतली प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Sitali pranayama in Hindi

शीतली प्राणायाम क्या है। Sheetli pranayama in Hindi

शीतली का अर्थ है शीतल। इसका अर्थ शांत, विरक्त और भावहीन भी होता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह प्राणायाम पूरे शरीर को शीतल करता है। शीतकारी प्राणायाम की तरह ही यह प्राणायाम भी विशेष तौर पर शरीर का ताप कम करने के लिए बनाया गया है। इस प्राणायाम का अभ्यास न सिर्फ भौतिक शरीर को शीतल करता है बल्कि मस्तिष्क को भी शांत करता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज़्यदा से ज़्यदा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।Sitali pranayama in Hindi

शीतली प्राणायाम की व्याख्या हठप्रदीपिका और घेरंडसंहिता में इस प्रकार की गई हैः

हठप्रदीपिका व्याख्या

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