शीतकारी प्राणायाम क्या है। Sheetkari pranayama in Hindi
शीतकारी प्राणायाम में सांस लेने के दौरान ‘सि’ या ‘सित’ की ध्वनि निकलती है। शीत का मतलब होता है ठंडकपन और शब्द ‘कारी’ का अर्थ होता है जो उत्पन्न हो। इस प्राणायाम के अभ्यास से शीतलता भी उत्पन्न होती है इसलिए इसे ‘शीतकारी कहा गया है। इस अभ्यास को सिसकी श्वास या सितकारी’ भी कहा जाता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज़्यदा से ज़्यदा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।
हठप्रदीपिका ग्रंथ में इसको निम्न श्लोक के द्वारा बताता गया है।
सीत्कां कुर्यात्तथा वक्त्रेघ्राणेनैव विजृम्भिकाम्।
एवमभ्यासयोगेन कामदेवो द्वितीयकः।। – ह.प. 2/25
अगर ऊपर दिए गए श्लोक को अच्छी तरह से अध्ययन किया जाए तो इसका अर्थ निकलता है कि मुंह से श्वास लीजिए, सिसकी की ध्वनि उत्पन्न कीजिए और बिना मुंह खोले नाक से श्वास छोड़िए। इसके अभ्यास से कोई भी व्यक्ति दूसरा कामदेव बन सकता है।


