कर्नापीड़ासन क्या है- Karnapidasana in Hindi?
बहुत कम लोग होंगे जो कर्नापीड़ासन के नाम से वाकिफ हैं। कर्नापीड़ासन एक संस्कृत शब्द है जिसमें कर्ण का मतलब ‘कान’, पीडा का मतलब ‘दबाव’ और आसन, योग पोज़ को दर्शाता है। यह आपके शरीर को लचीला बनाते हुए शारीरिक संतुलन में भी सहायक है। यह एडवांस्ड योग में आता है। अच्छी तरह प्रैक्टिस के बाद इसको सही तरीके के से किया जा सकता है। आज हम यहाँ इसके करने के आसान तरीका, फायदे और सावधानी के बारे में जिक्र करेंगें।
कर्नापीड़ासन विभिन्य नाम-Different names of Karnapidasana in Hindi
कर्नापीड़ासन के कई नाम हैं।
- राजा हलासन
- किंग प्लो आसन
- नी टू ईयर पॉज
- ईयर प्रेशर पॉज
कर्नापीड़ासन के फायदे – Karnapidasana benefits in Hindi
- शरीर को मजबूत बनाता है: यह आसन शरीर को मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है। और साथ-साथ पेट वाले भाग को टोन करने का काम भी करता है। इससे पेट दर्द, मधुमेह और किडनी जैसी समस्या को भी दूर रखा जा सकता है।
- रीढ़ की हड्डी के स्वस्थ के लिए: इसके अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और साथ ही साथ मजबूती भी मिलती है।
- तनाव कम करने में: इसके प्रैक्टिस से श्वसन क्रिया का मस्तिष्क अच्छा प्रभाव पड़ता है और ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। यह तनाव को कम करते हुए मन को शांति भी प्रदान करता है।
- पाचन की समस्या को दुरुस्त करता है: इसके अभ्यास के समय पैर को ऊपर उठाकर सिर के पीछे की ओर ले जाया जाता है जो पेट पर अच्छा खासा असर डालता है। इस कारण पाचन तंत्र जैसी समस्या को सुधारने में मदद मिलती है।
- थायरॉयड के लिया अच्छा है: इस आसन का अभ्यास से थायरॉयड पर दबाव बनता है जिससे ट्राइयोडोथायरोनिन और थायरोक्सिन का उत्पादन होने में मदद मिलती है। जिसके फलस्वरूप शरीर का मेटाबोलिज्म उत्तेजित होता है। यह आपको अन्य बीमारियों से भी बचाता है।
- यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए: यह कई यौन और प्रजनन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसके प्रैक्टिस से प्रजनन क्षमता में सुधार आता है और यौन शक्ति को भी बढ़ाता है। इसके रेगुलर अभ्यास से नपुंसकता को ठीक करने में भी मदद मिलती है।
कर्नापीड़ासन करने का तरीका – Karnapidasana steps in Hindi
चूँकि यह एक एडवांस्ड योगाभ्यास है इसलिए शुरुआती दौर में इसको किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही अभ्यास करनी चाहिए।
- सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं और हाथों एवं पैरों को एक सीध में रखें।
- सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर उठाएं और धीरे-धीरे पैरों को सिर के पीछे ले जाएं।
- अब शरीर का पूरा भार अपने कंधों पर रखें और हाथों को पहले की तरह जमीन पर सीधा रखें।
- इसके बाद आप अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें।
- दोनाें घुटने मुड़ने के बाद इन्हें कानों तक लाएं ताकि दोनों कान घुटनों से ढक जाएं।
- इस अवस्था को मेन्टेन करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी पहली अवस्था में आ जाएं।
कर्नापीड़ासन के सावधानियां – Karnapidasana precautions in Hindi
- शुरुआत में इसको किसी योग विशेषज्ञ की निगरानी में प्रैक्टिस करने चाहिए।
- सके अभ्यास के दौरान आप अपनी सांस सामान्य रखें।
- कमजोर लोगों को इसे बहुत सावधानी के साथ करनी चाहिए।
कर्नापीड़ासन के कन्ट्राइंडिकेशन– Karnapidasana contraindications in Hindi
निम्न अवस्था में इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
- पेट की समस्या
- सर्जरी
- सिरदर्द
- गर्दन में चोट
- कमर दर्द
- उच्च रक्तचाप
पहले करने वाले आसन
- उत्तानपादासन
- अर्ध हलासन
- हलासन
- विपरीत करनी
- सेतुबंधासन
बाद में करने वाले आसन
- पवनमुक्तासन
- भुजंगासन
- शलभासन