चंद्र नमस्कार करने का तरीका, फायदे और सावधानियां

सूर्य नमस्कार और चंद्र नमस्कार दोनों ही प्रभावी योग अभ्यास है जहाँ सूर्य नमस्कार आपको ऊर्जावान बनाता है वहीँ  चंद्र नमस्कार सुखदायक की अनुभव देता है।

 

चंद्र नमस्कार और सूर्य नमस्कार में फर्क

चंद्र नमस्कार आपको आराम पहुँचाता है जबकि सूर्य नमस्कार स्फूर्ति देता है।

सूर्य नमस्कार गर्मी और प्रकाश को दर्शाता है जबकि चंद्रमा नमस्कार ठंडा और ध्यानपूर्ण है।

सूर्यनमस्कार का सुबह में किया जाता है और चंद्र नमस्कार शाम को।

सूर्य नमस्कार को तेजी से किया जाता है जबकि चंद्र नमस्कार धीरे-धीरे की जाती है।

चंद्र नमस्कार सूर्यनमस्कार की तुलना में कम किया जाता है।

सूर्य नमस्कार के 12 चरण होते हैं जबकि चंद्र नमस्कार में कुल 14 आसन होते हैं।

चंद्र नमस्कार करने का तरीका, फायदे और सावधानियां
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चन्द्र नमस्कार करने का तरीका

प्रणाम आसन

सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं।

अपने पैरों को एक साथ और गर्दन को सीधा रखें और आगे देखें।

अब अपनी हथेलियों को अपनी छाती के सेंटर में लाएँ और प्रार्थना मुद्रा बनाने के लिए उन्हें एक साथ दबाएँ।

 

हस्त उत्तानासन

श्वास लें और अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं।

हाथों के बीच कंधे-चौड़ाई की दूरी बनाए रखें।

अपनी भुजाएँ सीधी रखते हुए इसे पीछे की ओर लेकर जाएं।

उत्तानासन योग

सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने नाक से घुटने को टच कराने की कोशिश करें।

आपकी हथेलियाँ आपके पैरों के दोनों ओर जमीन पर या इससे ऊपर होनी चाहिए।

 

अश्व संचालनासन

श्वास लेते हुए अपने बाएं घुटने को आगे बढ़ाएं और समकोण बनाते हुए दोनों हाथ को इसके दोने तरफ जमीन पर रखें।

और अपने दाहिने पैर को जितना संभव हो सके पीछे खींचें।

पैर की उंगलियों को नीचे दबा कर रखें।

पीछे की ओर झुकें और ऊपर की ओर देखें।

 

अर्ध चंद्रासन

श्वास लेते हुए अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं और अपनी बाहों को ऊपर की ओर खीचें।

बाजुओं को साथ लेकर पीछे की ओर झुकें।

अपनी ठोड़ी उठाएं और ऊपर की ओर देखें।

 

पर्वतासन योग

सांस छोड़ें और अपनी बाहों को फर्श पर ले आएं।

अपने बाएँ पैर को वापस अपने दाएँ पैर की ओर ले जाएँ।

अपने शरीर को कूल्हे के बल ऊपर की ओर उठाएं।

अपने पैरों और पीठ को सीधा करें।

अपने धड़ को अपने टखनों की ओर धकेलें।

 

अष्टांग नमस्कार

सांस छोड़ें और अपने घुटनों पर आ जाएं।

अपने घुटनों, छाती और ठुड्डी को ज़मीन पर टिकाएँ।

अपने पेट और कूल्हों को ऊपर उठा कर रखें। अपनी हथेलियों को छाती के दोनों ओर रखें।

 

भुजंगासन

सांस लें और अपने पैरों को पीछे की ओर झुकाएं।

हथेलियों को कंधे के पास लेकर आएं।

अपनी छाती को  नाभि तक उठाएं।

अपनी भुजाओं को लंबा करेते हुए ऊपर की ओर देखें

धीरे धीरे साँस लें और धीरे धीरे साँस छोड़ें।

 

 

चंद्र नमस्कार के फायदे

चंद्र नमस्कार आपको शांत करता है।

यह आपके तनाव को कम करने में अहम रोल अदा करता है।

यह आपकी मांसपेशियों और नर्व को मजबूत बनाता है।

थकावट से दूर रखता है।

पाचन को अच्छा बनाता है।

गुस्सा को कम करने में मदद करता है।

 

चंद्र नमस्कार की सावधानियां

कमर दर्द में इसको नहीं करनी चाहिए।

अगर ब्लड प्रेशर जयदा हो तो इसके करने से बचें।

 

1 thought on “चंद्र नमस्कार करने का तरीका, फायदे और सावधानियां”

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