माइग्रेन क्या है – Migraine meaning in Hindi
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल सिंड्रोम है, जिनके लक्षण हैं शारीरिक परिवर्तन, सिरदर्द और मतली, इत्यादि। विशिष्ट माइग्रेन का सिरदर्द प्राय एकतरफा होता है जो 4 से 72 घंटे तक रहता है। माइग्रेन के सिरदर्द से पीड़ित होने वाले लगभग एक तिहाई लोग एक प्रकार की aura अनुभव करते हैं जहाँ से सिरदर्द शुरू होने लगता है।

माइग्रेन का क्लासिफिकेशन – Migraine classifications in Hindi
- aura के साथ माइग्रेन तथा aura के बिना माइग्रेन।
- बेसिलर टाइप माइग्रेन- एक असामान्य, जटिल माइग्रेन है जो मस्तिष्क तंत्रिका रोग के लक्षणों के कारण होता है।
- फैमिलियल हेमिप्लेजिक माइग्रेन- एक माइग्रेन जिसके संभावित अनुवांशिक कारण हो सकते हैं।
- एब्डोमिनल माइग्रेन- अज्ञात मूल का एक आवर्ती विकार है, मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। लगातार मतली, उल्टी और पेट में मध्यम से गंभीर दर्द इसके लक्षण हैं।
- माहवारी संबंधी माइग्रेन- मासिक धर्म के पहले या उस दौरान माइग्रेन।
- स्टेटस माइग्रेनोसस – 72 घंटे से अधिक समय तक रहने वाले माइग्रेन द्वारा वर्गीकृत, उस अवधि के दौरान रोगी को चार घण्टे से अधिक राहत नहीं मिलती।
माइग्रेन के कारण – Migraine causes in Hindi
माइग्रेन के कारणों में मस्तिष्क के रसायनों में, विशेष रूप से सेरोटोनिन नामक रसायन के परिवर्तन को सर्वप्रमुख माना जाता है जो माइग्रेन के दौरान घट जाता है। सेरोटोनिन का निम्न स्तर मस्तिष्क के एक भाग में रक्त वाहिकाओं की ऐंठन (अचानक संकुचन) का कारण बन सकते हैं जो उन्हें संकरा बना देता है। यह aura के लक्षणों का कारण हो सकता है। इसके तुरंत बाद, रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जो सिरदर्द का कारण माना जाता है। सेरोटोनिन में गिरावट का कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है। मासिक धर्म से पहले महिलाओं द्वारा माइग्रेन का अनुभव किया जाता है जो ओस्ट्रोजन हार्मोन स्तरों में गिरावट के कारण होता है।
- भावात्मक इनमें तनाव, चिंता, सदमा, अवसाद, उत्साह शामिल है।
- भौतिक थकान, नींद की खराब गुणवत्ता, कई शिफ्ट में काम, खराब मुद्रा, गर्दन या कंधे में तनाव, लंबी अवधि के लिए यात्रा करना, कम रक्त शर्करा शामिल है।
- भोजन संबंधी- इसमें अनियमित भोजन, भोजन में देरी, भोजन (आहार) की कमी, निर्जलीकरण, शराब, भोजन में डाले जाने वाले टायरामाइन, कैफीन उत्पाद जैसे चाय, कॉफी, चॉकलेट, साइट्रस फल और पनीर जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थ शामिल हैं। जब व्यक्ति नियमित भोजन नहीं खाता, तो रक्त शर्करा का स्तर गिरता है। जब कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में शर्करा खाता है, तो रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है। यह निम्नता और उच्चता माइग्रेन को गति प्रदान कर सकती हैं।
- पर्यावरण- इनमें तेज रोशनी, चंचल स्क्रीन, जैसे टेलीविजन या कंप्यूटर स्क्रीन, धूम्रपान, जोर से आवाज, जलवायु में परिवर्तन, जैसे आर्द्रता में परिवर्तन या बहुत ठंडे तापमान, तीक्ष्ण गंध, भारी वातावरण शामिल हैं।
- औषधीय- कुछ दवाइयां जो माइग्रेन को बढ़ा सकती हैं वह इस प्रकार हैं- कुछ प्रकार की नींद की गोलियां, गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी शामिल हैं।
माइग्रेन को बढ़ाने वाले सामान्य तत्त्व
- जीवन शैली
- भोजन
- शारीरिक
- पर्यावरणीय
- भावनात्मक तनाव
- चाकलेट
- मासिक चक्र
- मौसम अथवा ऋतु परिवर्तन
- अवसाद
- मेवे
- पीनट बटर
- हार्मोनल परिवर्तन
माइग्रेन का यौगिक उपचार – Yoga for migraine treatment in Hindi
- क्रियाएँ- जलनेति, सूत्रनेति, कुंजल।
- सूक्ष्म व्यायाम- समस्या के लिए चुनिंदा अभ्यास।
- आसन- ताड़ासन, कटिचक्रासन, उध्र्व हस्तोत्तानासन, अर्धचक्रासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, वक्रासन, मार्जरी आसन, मत्स्यासन, भुजंगासन, मकरासन, शवासन।
- प्राणायाम- नाड़ीशोधन प्राणायाम, चंद्रनाड़ी प्राणायाम, शीतली, उज्जायी, भ्रामरी
- बंध- जालंधर बंध
- ध्यान- श्वास के प्रति सजगता, ओम ध्यान अथवा प्रभावित भाग पर निर्देशित ध्यान।
माइग्रेन से बचाव कैसे करें – Migraine prevention in Hindi
आप माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले पदार्थों से बचकर बार-बार होने वाले माइग्रेन को कम कर सकते हैं। इनमें कुछ खाद्य पदार्थ, तनाव और दैनिक दिनचर्या में बदलाव शामिल हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह माइग्रेन की तरफ कैसे और क्यों ले जाते हैं। माइग्रेन को बढ़ाने वाले कुछ सामान्य तत्त्व हैं-
- कुछ पदार्थों को ग्रहण करना जैसे चाकलेट, मोनोसोडियम ग्लूटामेट, रेड वाइन और कैफीन इत्यादि।
- अत्यधिक नींद लेना अथवा पर्याप्त नींद न लेना।
- उपवास करना अथवा आहार ग्रहण न करना।
- मौसम अथवा वायुदाब में परिवर्तन।
- तनाव अथवा भावात्मक तीक्ष्णता।
- तीव्र गंध अथवा धूम्रपान।
- तेज रोशनी अथवा प्रतिबिंबित सूर्य का प्रकाश।
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