गोरक्षासन योग विधि, लाभ और सावधानी

गोरक्षासन क्या है? What is Gorakshasana in Hindi

गोरक्षासन का नाम महान योगी गोरक्षनाथ के नाम पर पड़ा है क्योंकि योगी गोरक्षनाथ प्रायः इसी आसन में बैठा करते थे।
इस आसन के अभ्यास से जड़ता नष्ट होने में , शरीर का पतला होने , बुद्धि तीक्षण होने, चित्त की चंचलता कम होने इत्यादि में लाभ मिलता है।  शरीर शुद्धिकरन में अपना योगदान देता है।

गोरक्षासन विधि – How to do Gorakshasana in Hindi

Gorakshasana -steps-benefits-precaution

अब बात आती है कि गोरक्षासन को सही तौर पर कैसे किया जाए। यहां पर इसके सरल तरीके के बारे में बताया गया है जिसे जानकर आप इसको आसानी से कर सकते हैं।

तरीका

  • सबसे पहले आप जमीन पर बैठकर पांव सामने फैलाएं।
  • पांवों को घुटनों से मोड़ें और अब दोनों पैरों की एडि़यां एक साथ ले आएं।
  • आगे बढ़ें और शरीर को ऊपर उठाकर एडि़यों पर बैठ जाएं। ध्यान रहे छाती न मुड़े।
  • दोनों घुटने जमीन से सटा हुआ रहना चाहिए।
  • हाथ घुटनों पर रखें।
  • रीढ़ और गर्दन सीधी रखें।
  • जब तक संभव हो इसी मुद्रा में रहें और उसके बाद आरंभिक अवस्था में लौट आएं।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह आप 3 से 5 चक्र करें।

 

गोरक्षासन के लाभ – Gorakshasana benefits in Hindi

यहां पर गोरक्षासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में जिक्र किया जा रहा है।

  1. गोरक्षासन किडनी के लिए: गोरक्षासन किडनी के विभिन्य विकारों में लाभकारी है।
  2. गोरक्षासन बवासीर में: इस आसन के अभ्यास  से बवासीर में बहुत लाभ मिलता है।
  3. गोरक्षासन घुटनों को मजबूत बनाने में:  इस आसन के नियमित अभ्यास से घुटने के जोड़ों, टखने (Ankle) और कूल्हे (Hips), नितम्ब (Buttocks),  पिंडलियों (Calves) के भाग की अकड़न (spasm ) एवं कठोरता दूर करने में  मदद मिलती है।
  4. गोरक्षासन शरीर संतुलन में:  यह योगाभ्यास शरीर के संतुलन बनाए रखने में मददगार है।
  5. स्नायु  के शक्ति के लिए: इस आसन के अभ्यास से शरीर के नेर्वेस (Nerves) को बल मिलता है।
  6. पाचन क्रिया को स्ट्रांग बनाता है: इस आसन के अभ्यास से भोजन का अच्छी तरह से पाचन हो जाता है जसके कारण मलमूत्र सही मात्रा में शरीर से निकलता है।
  7. गर्भास्य के लिए लाभदायक: इसके नियमित अभ्यास से स्त्रियों के गर्भाशय से संबंधित रोगों को दूर करने में मदद मिलती है।
  8. पेट गैस से निजात: यह योगाभ्यास आपको पेट से सम्बंधित गैस को कम करने में मदद देता है।
  9. कुण्डिलिनी जागरण में सहायक: यह कुण्डिलिनी योग अभ्यास का अहम पाट है।

 

गोरक्षासन सावधानी- Gorakshasana precautions in Hindi

  • अगर आप मोटापा से ग्रस्त हैं तो इस आसन को बहुत सावधानी के साथ या किसी विशेषज्ञ के सामने करें।
  • अगर घुटनों में दर्द हो तो इस आसन का अभ्यास न करें।
  • एड़ी में दर्द होने पर भी इस योगाभ्यास को नहीं करनी चाहिए।

 

2 thoughts on “गोरक्षासन योग विधि, लाभ और सावधानी”

  1. इस लेख में समय के कुछ दिलचस्प बिंदु हैं।
    अच्छा लेख है
    धन्यवाद।

    Reply

Leave a Comment