कपालभाति प्राणायाम का अर्थ । Kapalbhati meaning in Hindi
‘कपाल’ का अर्थ होता है खोपड़ी और भाति का मतलब होता है चमकना। इस प्राणायाम के अभ्यास से सिर तथा मस्तिष्क में तेजस प्रदान होता है और निष्क्रिया पड़े मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करने में अहम भूमिका निभाता है जिसके कारण मस्तिष्क का पूरा सतह चमकदार प्रतीत होता है। कपालभाति एक ऐसी प्राणायाम है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। इसके प्रैक्टिस से सिर क्षेत्र में जितनी भी दोष और गंद होती ही उसका पूरी तरह से सफाया हो जाता है। कपालभाति के नियमित अभ्यास करने पर आपके चेहरे में नई खूबसूरती आ जाती है। दूसरे आदमी को भी आपके चेहरे की रौनक देखने लगता है।
कपालभाति प्राणायाम कैसे करें । How to do Kapalbhati in Hindi
अब बात आती है कि कपालभाति प्राणायाम को कैसे किया जाए जिससे इसके ज़्यदा से ज़्यदा फायदे सामने आए। यहां पर इसके सरल विधि के बारे में बताया गया है जिसको आप आसानी से अभ्यास कर सकते हैं।
- सबसे पहले आप किसी समतल सतह पर ध्यान की मुद्रा में बैठें।
- अपने आखों को बंद करें एवं शरीर को ढीला छोड़ दें।
- अब दोनों नोस्ट्रिल से लंबा सांस लें बलपूर्वक सांस को निकालें।
- अब थोड़ा बलपूर्वक सांस को निकालते रहें।
- सांस अपने आप फेफड़े में खींच ली जाएगी।
- सांस का छोड़ना धौंकनी के समान होनी चाहिए।
- कपालभाति प्राणायाम करते समय पेट फूलना और सिकुड़ना चाहिए।
- शुरुवाती दौर इसे 30 से 50 बार करें।
- फिर धीरे धीरे इसे 500 बार तक करते रहें।
कपालभाति के लाभ। Benefits of Kapalbhati in Hindi
बहुत ही कम ऐसी बीमारी है जिसमें कापलभाति किसी न किसी तरह से फायदा न पहुँचाता हो। बस शर्त है कि आपकी प्रैक्टिस करनी की विधि सही हो। यहां पर कपालभाति प्राणायाम के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।
- पेट कम करने में: इसके नियमित अभ्यास से आप अपने पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं।
- मोटापा: इससे आप शरीर का वजन घटाते हुए मोटापा में भी कण्ट्रोल पा सकते हैं बस शर्त यह है कि आपको इसका अभ्यास नियमित रूप से एवं पावरफुल स्ट्रोक के साथ करना होगा।
- बाल झड़ना: कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से बाल का झड़ना बंद ही नहीं किया जा सकता बल्कि बाल का सफेद होना भी रोका जा सकता है।
- त्वचा में ग्लोइंग: कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से स्किन की सभी परेशानियों से बचा जा सकता है। यही नहीं यह आपके त्वचा में निखार ले कर आता है और त्वचा के नमी को बरक़रार रखता है।
- अस्थमा: अगर आप अस्थमा से परेशान है तो आपको कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। यह अस्थमा से साथ साथ सांस से सम्बंधित और बीमारियों को भगाने में भी अहम योगदान देता है।
- श्वास नली के संक्रमण: यह श्वास नली के संक्रमण कम करते हुए आपको विभिन्य तरह के सांस एलर्जी से बचाता है।
- साइनस: कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास से आप साइनस में बहुत बड़ी सफलता पा सकते हैं।
- राइनिटिस: राइनिटिस के उपचार में बहुत प्रभावी है।
- पाचन: इसके अभ्यास से पेट की मालिश हो जाती है और पेट में होर्मोन्स एवं एंजाइम का अच्छी तरह से स्राव होने लगता है जिसके कारण पाचन क्रिया के लिए लाभदायक है।
- फेफड़े की क्षमता: यह आपको बिमारियों से ही नहीं बचाता बल्कि फेफड़े में ऑक्सीजन लेने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
- कुंडलिनी शक्ति: बहुत कम योग है जो कुण्डलिनी को प्रभावित करता है, इसमें से एक है कपालभाति प्राणायाम। कुण्डलिनी शक्ति जागरण में मदद करता है।
- शर्दी -जुकाम: कपालभाति प्राणायाम शर्दी -जुकाम का दुश्मन है। यह शर्दी-जुकाम के साथ साथ इससे होने वाले बुखार से भी आपको बचाता है।
- कब्ज: उसके नियमित अभ्यास से कब्ज को कम किया जा सकता है।
- कैंसर रोकने में: इसके नियमित अभ्यास से कैंसर रोकने में मदद मिलती है।
- मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करना: निष्क्रिया पड़े उन मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करती है जो सूक्ष्म ज्ञान के लिए उत्तरदायी होते हैं।
कपालभाति की सावधानियां। Kapalbhati precautions in Hindi
इन हालात में इस प्रक्रिया को नहीं करनी चाहिए।
- एसिडिटी
- हृदय रोग
- चक्कर की समस्या
- उच्च रक्तचाप
- मिर्गी
- दौरे
- हर्निया
Kindly let me know whether it is beneficial in diabetes
Whether kapal bhati is useful in diabetes.
Of course, if you do kapalbhati in a correct way, will definitely help in the prevention and management of diabetes.
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