प्राणायाम इन हिंदी। Pranayama in Hindi

प्राणायम क्या है। What is pranayam in hindi

प्राणायाम प्राचीन संतों एवं साधुओं द्वारा की जाने वाली योग अभ्यास है। योग में प्राणायाम का बहुत ही ज़्यदा मह्त्व है। प्राणायाम एक तरह से सांस लेने की तकनीक है जिसमें सांस को नियमित एवं नियंत्रित किया जाता है ताकि शरीर एवं मस्तिष्क में प्राण को सक्रिय किया जा सके। प्राणायाम मानसिक एवं शरीर के अत्यंत सूक्ष्म गतिविधियों पर प्रभाव डालता है।

 

प्राणायाम योगशास्त्रों में। Pranayama in yogic texts in Hindi

pranayama in hindi

योग की बहुत सारी ग्रंथ है जिसमें प्राणायाम को विस्तृत तरीके से परोसा गया है। ‘पातंजलयोग’, ‘हठयोग’ और ‘तंत्र-साधना’ जैसी महत्वरपूर्ण योग परंपराएं प्राणायाम की प्रक्रिया पर जोर देती हैं। महर्षि पतंजलि के ‘अष्टांकग योग’ में प्राणायाम चौथा स्थान पर है। महर्षि पतंजलि कहते हैं कि प्राणायाम प्रकाश से आवरण हटाकर उसे चमकने में सहायता करता है। हठयोग में आध्याकत्मिक विकास के अतिरिक्त शरीर एवं मस्तिष्कू पर इसके लाभकारी प्रभावों के विषय में बताया गया है। हठयोग की पुस्ताकों में प्राणायाम का विस्तृित वर्णन है जहाँ पर इसे मस्तिष्क एवं शरीर के बीच का सेतु माना गया है। हठयोग कुंभक पर भी जोर देता है। हठरत्नादवली नौ कुंभकों का जिक्र करती है। गोरक्षसंहिता में तीन प्रकार के प्राणायाम का उल्लेख मिलता है और घेरंडसंहिता में आठ प्रकार के कुंभक बताए गए हैं।

 

प्राणायाम और शोध। Research in Pranayama in Hindi

हाल के दिनों में बहुत ही अधिक मात्रा में प्राणायाम के क्षेत्र में शोध हुआ है। शोध से यह साबित हुआ है कि प्राणायाम विभिन्य प्रकार मनोदैहिक व्यापधियों की रोकथाम एवं प्रबंधन में उपयोगी है। यही नहीं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली भी प्राणायाम से संबंधित लाभों को स्वीकार करती है।

 

9 महत्वपूर्ण प्राणायाम। 9 Important pranayama in Hindi

  1. नाड़ीशोधन प्राणायाम
  2. सूर्यभेदन प्राणायाम
  3. उज्जायी प्राणायाम
  4. शीतकरी प्राणायाम
  5. शीतली प्राणायाम
  6. भस्त्रिका प्राणायाम
  7. भ्रामरी प्राणायाम
  8. मूर्च्छा प्राणायाम
  9. प्लाविनी प्राणायाम

 

प्राणायाम परिचय। Introduction of pranayama in Hindi

प्राणायाम दो संस्कृत शब्दों प्राण और आयाम से मिलकर बना है। प्राण का अर्थ है सूक्ष्म जीवनी शक्ति और आयाम का अर्थ है प्रसार या नियंत्रण। प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है। बहुत सारे लोग प्राणायाम को श्वसन मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं। प्राणायाम एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्राण पर नियंत्रण प्राप्त किया जाता है।

 

प्राण का वर्गीकरण। Classification of pranayama in Hindi

प्राण का विवरण हमें वैदिक, योगी एवं तांत्रिक साहित्यं में प्राप्त होता है। तैत्तिरीय उपनिषद के अनुसार मानव के चारो ओर पांच आवरण होते हैं। सबसे बाहर आवरण को अन्नामयकोश कहा जाता है जो भोजन के सत्वे से बनता है। दूसरा आवरण प्राणमयकोश कहलाता है, जो प्राण का बना होता है। तीसरा आवरण मनोमयकोश होता है। विज्ञानमयकोश कहलाने वाला चौथा आवरण विवेक शक्ति का बना होता है। पांचवें आवरण को आनंदमयकोश कहा जाता है, जो अनंत चेतना एवं परमानंद की अवस्थाा है।

 

प्राण का कार्य। Functions of pranayama in Hindi

प्राण
प्राण श्वसन के लिए उत्तंरदायी होता है। यह ऊर्जा के स्रोत को शरीर तक लाता है और शरीर का पोषण करता है।

अपान
ऊर्जा के प्रयोग की प्रक्रिया के समय अपशिष्ट का निर्माण होता है जिसे यह शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।

समान
प्राण के द्वारा लाई गई ऊर्जा का शरीर में अवशोषण होन होता है जो समान द्वारा होता है।

उदान
उदान अभिव्यक्ति एवं संचार के अधिक सूक्ष्म एवं उच्चतर कार्यों के लिए उत्तररदायी होता है।

व्यायन
व्यायन ऊर्जा को शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाने के लिए उत्तरदायी होता है।

 

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