नाड़ीशोधन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानियां

Nadishodhan Pranayama steps

नाड़ीसोधन प्राणायाम क्या है – Nadi Shodhana Pranayama Hindi

नाड़ीसोधन प्राणायाम को अनुलोम-विलोम के रुप में भी जाना जाता है। नाड़ीसोधन प्राणायाम या अनुलोम-विलोम को अमृत कहा गया है और स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम प्राणायामों से एक है। कहा जाता है की शायद ही कोई ऐसी बीमारी हो जिसको अनुलोम विलोम से फायदा न पहुँचता हो।Nadishodhan Pranayama steps

शास्त्रों में नाड़ीशोधन प्राणायाम – Nadi Shodhana Pranayama in texts

हठयौगिक शास्त्रों में कहा गया है कि साधक को हमेशा बारी-बारी से एक-दूसरे नासिका छिद्र से श्वास लेना और छोड़ना चाहिए। जब श्वास लेना पूरा हो जाए तो दाहिनी नासिका को अंगूठे और बाईं नासिका को अनामिका और छोटी उंगली से दोनों नासिकाओं को बंद कर दें। अब  अपने हिसाब से कुंभक करें।  और उसके बाद श्वास बाहर छोड़ा जाता है (घेरंडसंहिता  5/53)।

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शंख प्रक्षालन विधि, लाभ और सावधानियां

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शंख प्रक्षालन का अर्थ – Shankhaprakshalana in Hindi

आपके मन में शवाल उठ रहा होगा कि शंख प्रक्षालन किया है? आज आपको हम शंख प्रक्षालन के विधि, लाभ एवं सावधानियां के बारे में बताने जा रहे हैं। शंख प्रक्षालन एक क्लींजिंग योगाभ्यास है जो आपके को टॉक्सिन्स, विषैले पदार्थ एवं अन्य बेकार तत्व से आपके शरीर को बचाता है। इस तरह से इस योग के अभ्यास करने से आप सेहतमंद ही नहीं रहते बल्के बहुत सारी बिमारियों से महफूज़ रहते हैं। शंख प्रक्षालन को वारिसार क्रिया भी कहते हैं। शंख प्रक्षालन दो शब्दों का बना हुआ है-शंख जिसका प्रयोग आंतों के लिए किया गया है क्योंकि आंतें भी शंख के भीतरी भाग के समान जटिल होती हैं ‘प्रक्षालन’ का अर्थ होता है साफ करना या धोना। इस तरह से देखा जाये तो शंखप्रक्षालन की ऐसी शोधन योग क्रिया है जो आंतों को साफ करता है। लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि शंख प्रक्षालन हमेशा किसी विशेषज्ञ के निगरानी में ही करनी चाहिए।shankh-prakshalan-steps-benefits-precaution

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कपालभाति प्राणायाम से तुरंत वजन घटाएं

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कपालभाति क्या है – Kapalbhati meaning in Hindi

कपालभाति प्राणायाम एक प्रबल सांस की प्रक्रिया है जो आप को स्वस्थ ही नहीं रखता बल्कि आपके के वजन और मोटापा घटाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। कपालभाति से पेट की चर्बी को आसानी से कम किया जा सकता है। सिर्फ पेट की चर्बी ही नहीं, पुरे शरीर के फैट को गलाने के लिए यह सांस की प्रक्रिया बहुत कारगर है। अगर इसको विधिपूर्ण और किसी विषेशज्ञ के सामने किया जाये तो वजन एवं मोटापा को तुरंत घटाया जा सकता है। और साथ ही साथ जीवन शैली से सम्बंधित बीमारियां जैसे डायबिटीज, आर्थराइटिस, हाइपरटेंशन, ओबेसिटी, ब्लड प्रेशर, इत्यादि से आप को नजात दिला सकता है। अब आपको हम यहां बताएंगे कि कैसे कपालभाति प्राणायाम कैसे करें ताकि वजन को कंट्रोल करते हुए बिमारियों पर काबू पाया जा सके।Kapalbhati for weight loss

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कपालभाति विधि, लाभ और सावधानियाँ

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कपालभाति का अर्थ – Kapalbhati meaning in Hindi

‘कपाल’ का अर्थ है खोपड़ी (सिर) तथा भाति का अर्थ है चमकना। चूंकि इस क्रिया से सिर चमकदार बनता है अतः इसे कपालभाति कहते हैं। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। घेरंडसंहिता में इसे भालभाति कहा गया है, भाल और कपाल का अर्थ है ‘खोपड़ी’ अथवा माथा। भाति का अर्थ है प्रकाश अथवा तेज, इसे ‘ज्ञान की प्राप्ति’ भी कहते हैं।

कपालभाति को प्राणायाम एवं आसान से पहले किया जाता है। यह समूचे मस्तिष्क को तेजी प्रदान करती है तथा निष्क्रिया पड़े उन मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करती है जो सूक्ष्म ज्ञान के लिए उत्तरदायी होते हैं। कपालभाति में सांस उसी प्रकार ली जाती है, जैसे धौंकनी चलती है। सांस तो स्वतः ही ले ली जाती है किंतु उसे छोड़ा पूरे बल के साथ जाता है।Padmasana

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प्राणायाम के 15 चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ

Benefits of pranayama

प्राणायाम के आश्चर्यचकित फायदे – Surprising benefits of Pranayama in Hindi प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बनाता है जिससे फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बने रहे। प्राणायाम रक्तचाप घटाता और हृदय संबंधी बीमारियों को दूर करता है। प्राणायाम पाचन क्रिया … Read more