उच्च रक्तचाप का आसान उपचार आहार से

हाइपरटेंशन क्या है ? What is Hypertension in Hindi ?

 

हाइपरटेंशन जिसको उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक ऐसी अवस्था है जिसमें लगातार धमनियों का रक्तचाप बढ़ा हुआ रहता है। रक्तचाप रक्त का वह दबाव है जो रक्त धमनियों की दीवारों पर लगता है। जब भी मानव हृदय धड़कता है, धमनियों के द्वारा यह पूरे शरीर में रक्त संचरण करता है। जितना अधिक दबाव होगा हृदय को उतना अधिक बल के साथ पंप करना होगा। उच्च रक्तचाप अंगों की क्षति कर सकता है साथ ही कई बीमारियों का कारण बन सकता है जैसे गुर्दे का विफल होना, हृदय का विफल होना, पक्षाघात अथवा हृदयाघात। मध्यम आयु में उच्च रक्तचाप आगे चलकर संज्ञानात्मक कमी की ओर ले जा सकता है। अगर हम अच्छे भोजन का सेवन करते हैं तो उच्च रक्तचाप को बहुत हद तक ठीक कर सकते हैं। सही डाइट के लिए आप बेहतर होगा किसी डायटीशियन की मदद लें।

रक्तचाप का सामान्य स्तर 120/80 mmHg, जबकि 120 धमनियों में उच्चतम चाप का और 80 निम्नतम चाप का प्रतिनिधित्व करता है। 120/80 mmHg और 139/89 mmHg के मध्य का रक्तचाप उच्चरक्तचापपूर्व अवस्था कहलाता है।  उच्चरक्तचाप के बढ़े हुए खतरे की ओर संकेत करता है और 140/90 mmHg अथवा इससे अधिक रक्तचाप उच्चरक्तचाप माना जाता है।

उच्च रक्तचाप का आसान उपचार आहार से
Healthy Foods

 

उच्च रक्तचाप के लक्षण  High Blood Pressure symptoms in Hindi

सामान्य तौर पर उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते और कई व्यक्ति इससे पीड़ित होते हुए भी इसे नहीं जान पाते। यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह गंभीर रोगों की ओर ले जा सकता है जिसमें पक्षाघात और हृदय रोग शामिल हैं। इसके कुछ लक्षण हैं-

  • हमेशा रहने वाला सिरदर्द
  • धुंधली अथवा दोहरी दृष्टि
  • नासिका से रक्त गिरना
  • सांस की कमी

 

उच्चरक्तचाप  के प्रकार  High Blood Pressure types in Hindi

उच्चरक्तचाप को प्राथमिक और द्वितीयक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्राथमिक  उच्चरक्तचाप वह है जिसके पीछे के कारण अज्ञात होते हैं। इसमें लगभग 90 प्रतिशत मामले आते हैं। सेकेंडरी उच्चरक्तचाप वह है जिसके पीछे कोई प्रत्यक्ष कारण जिम्मेदार होता है जैसे गुर्दे का रोग, झटके, गर्भनिरोधक दवाएं। विभिन्न प्रकार के उच्चरक्तचाप इस प्रकार हैं-

प्राथमिक उच्चरक्तचाप

  • बिनाइन उच्चरक्तचाप
  • मैलिगनेंट उच्चरक्तचाप

 

सेकेंडरी उच्चरक्तचाप (निम्नलिखित रोगों के कारण उच्च रक्तचाप होता है)

  • कार्डियोवस्कुलर उच्चरक्तचाप
  • इंडोक्राइन उच्चरक्तचाप
  • रीनल उच्चरक्तचाप
  • न्यूरोजेनिक
  • गर्भावस्था से उच्चरक्तचाप

 

उच्च रक्तचाप के कारण   Causes of High Blood Pressure in Hindi

 

90 प्रतिशत से अधिक मामलो में, उच्च रक्तचाप का कारण अज्ञात होता है परंतु कई कारक इसके वृद्धि का खतरा बढ़ा सकते हैं। वह कारक जो प्राथमिक उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा सकते हैं वह इस प्रकार हैं-

  • आयु- आयु बढ़ने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • परिवार का इतिहास- उच्च रक्तचाप के रोगियों से जन्म लेने वाले बच्चों में उच्चरक्तचाप होने का खतरा उन बच्चों से कहीं अधिक होता है जिनके माता पिता को उच्च रक्तचाप न हो।
  • मोटापा- जितना अधिक वजन होगा, उच्च रक्तचाप होने का उतना अधिक खतरा।
  • अत्यधिक नमक ग्रहण करना- नमक में सोडियम होता है, जो शरीर में तरल पदार्थों को रोकता है जो रक्तचाप में वृद्धि करता है।
  • आहार-संतृप्त वसा की उच्च मात्रा से युक्त और विटामिन व रेशों से न्यून आहार का सेवन उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा देता है।
  • नशा- शराब और सिगरेट पीना रक्तचाप की वृद्धि से जुड़े हुए हैं।
  • शारीरिक वर्कऑउट्स:  वह व्यक्ति जो सक्रिय नहीं रहते उनकी हृदय गति तीव्र होने का अधिक खतरा होता है। जितनी अधिक हृदय गति होगी हर संकुचन के साथ धमनियों पर अधिक दबाव डालते हुए हृदय को उतना ही अधिक श्रम करना होगा। व्यायाम की कमी वजन बढ़ने का खतरा भी बढ़ा देते हैं।
  • मानसिक तनाव- तनाव शरीर में काटेक्लोमाइन के स्रवण को बढ़ा देता है, जो रक्तचाप में वृद्धि कर देता है। यदि इस तनाव का उपचार न किया जाए तो रक्तचाप दीर्घकाल के लिए बढ़ सकता है।

 

सेकेंडरी उच्चरक्तचाप के सामान्य कारक

  • गुर्दे का रोग
  • मधुमेह
  • गुर्दे तक संचार करने वाली धमनी का संकरा होना
  • हार्मोन की परिस्थितियाँ जैसे कशिंग सिंड्रोम जिसमें शरीर अत्यधिक स्टेरायड का उत्पादन करता है।
  • शरीर के ऊतकों को प्रभावित करने वाली स्थितियाँ
  • गर्भनिरोधक गोलियाँ
  • दर्द निवारक जैसे आईब्रूफेन
  • विश्रांतिदायक ड्रग्स जैसे कोकीन, एंफीटेमाइंस और क्रिस्टल मेथाम्फेटामाइन
  • हर्बल उपचार जैसे हर्बल अनुपूरक

 

 

उच्चरक्तचाप की कॉम्प्लीकेशन्स High Blood Pressure complications in Hindi

  • सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटनाएँ (स्ट्रोक)
  • उच्च रक्तचाप से ग्रस्त
  • मस्तिष्क विकृति
  • कोन्फ्लूजन
  • सिरदर्द
  • कोरवल्जन
  • रक्त
  • उच्च शर्करा स्तर
  • आंख की रेटिना
  • उच्च रक्तचाप रेटिनोपैथी
  • हृदय
  • उच्चरक्तचापीय दिल का दौरा
  • उच्च रक्तचापीय कार्डी ओमीओपैथी
  • ह्रदय का रुक जाना
  • गुर्दे
  • उच्च रक्तचाप से ग्रस्त
  • नेफ्रोपैथी
  • चिरकालिक गुर्दा निष्क्रियता

 

आहार से उच्च रक्तचाप का इलाज High Blood Pressure treatment through diet in Hindi

  • प्रचुर पोषक तत्व ग्रहण करें तथा स्वस्थ जीवनचर्या बनाए रखनी चाहिए।
  • नियमित अंतराल पर भोजन ग्रहण करके खाद्य आदतें नियमित करें।
  • तले हुए भोजन और पेय पदार्थों से दूर रहें।
  • अधिक नमक वाले भोजन से बचें।
  • नमक की बजाए नींबू के रस को सब्जियों पर छिड़कें।
  • रेशे युक्त खाद्य पदार्थों जैसे सेब, नारंगी, गााजर, टमाटर, बींस इत्यादि सब्जियाँ और फल लें।
  • भोजन न छोड़ें।
  • अचार, चटनी, पापड़, नमकीन मेवे, चिप्स इत्यादि अधिक नमक वाले पदार्थों से बचें।
  • पपीता, खट्टे फल, टमाटर, अनाज, आलू, हरी पत्तेदार सब्जियों एण्टीआॅक्सीडेंट से युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करें
  • बेक किए हुए खाद्य पदार्थों जिसमें बेकिंग पाउडर हो, उससे बचें।

 

 

योग से हाइपरटेंशन कैसे रोकें How to prevent High blood pressure through Yoga in Hindi

उच्चरक्तचाप के प्रबंधन में योग की भूमिका सर्व विदित है। इस उपचार का उद्देश्य रक्तचाप को कम करना और उससे पैदा होने वाली अन्य समस्याओं की रोकथाम होना चाहिए। उच्चरक्तचाप के प्रबंधन में जो अभ्यास शामिल हैं वह इस प्रकार हैं-

  • क्रियाएँ – जलनेति, सूत्रनेति।
  • योगासन- ताड़ासन, कटिचक्रासन, उध्र्व हस्तोत्तानासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, गोमुखासन, शशकासन, वक्रासन, भुजंगासन, मकरासन, शवासन।
  • प्राणायाम- नाड़ीशोधन, उज्जयी, शीतली और भ्रामरी।
  • ध्यान- श्वास के प्रति सजगता, ओम उच्चारण, ओम ध्यान।

 

उच्च रक्तचाप रोकने के लिए टिप्स Tips to control High blood pressure in Hindi

 

  • सिर के बल खड़े होने वाली और तीव्र गति से श्वसन की मुद्राओं से बचा जाए।
  • प्राणायाम और ध्यान पर अन्य मुद्राओं से अधिक ध्यान दें।
  • वजन को नियंत्रित रखें।
  • नियमित व्यायाम/योग आवश्यक है।
  • अधिक सोडियम/नमक से बचें।
  • आहार में उपयुक्त मात्रा में पोटैशियम, कैल्शियम और मैगनीशियम ग्रहण करें।
  • रेशेयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • मद्यपान और धूम्रपान से बचें।
  • प्रज्ज्वलन रोधी दवाओं का विवेकपूर्ण प्रयोग करें।
  • घर में रक्तचाप का माप करना सीखें।
  • तनाव कम करें।

 

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