शशांकासन क्या है ? What is Shashankasana in Hindi
शशांक का अर्थ होता है खरगोश। इस योग मुद्रा में शरीर खरगोश के समान आकृति धारण कर लेता है, इसीलिए इसको शशांकासन के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Hare Pose Yoga के नाम से जाना जाता है। यह आसन आंत, अस्थमा, मधुमेह, ह्रदय रोग अग्न्याशय, नसें-नाड़ियां, नितंब, गुदा इत्यादि के लिए बहुत लाभकारी है। यह कब्ज को दूर करता है तथा उन महिलाओं के लिए लाभकारी है जिनका वस्तिप्रदेश अविकासित होता है।
शशांकासन विधि – How to do Shashankasana in Hindi
यहां पर शशांकासन के सरल तरीके के बारे में बताया जा रहा है जिसको सीख कर आप आसानी से इसको प्रैक्टिस कर सकते हैं।
तरीका
- सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें।
- दोनों घुटनों को दूर-दूर फैलाएं।
- दोनों बांहें सिर के ऊपर उठाएं। बांहों को कंधे की चौड़ाई जितनी दूरी पर रखें।
- सांस छोड़ते हुए और बांहें सीधी रखते हुए कमर से आगे की ओर झुकें।
- ध्यान रहे आपके ठोड़ी (Chin ) और बांहें फर्श पर टिकी होनी चाहिए और सामने की और देखने की कोशिश करें।
- अपने हिसाब से इस अवस्था को धारण करें।
- सांस लेते हुए धीरे धीरे आरंभिक अवस्था में आ जाएं।
- यह एक चक्र हुआ।
- अस तरह से आप 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।
शशांकासन के लाभ – Shashankasana benefits in Hindi
वैसे शशांकासन के बहुत सारे फायदे हैं। यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया जा रहा है।
- शशांकासन तनाव कम करने में: इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव एवं चिंता को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। यही नहीं यह योग मुद्रा
क्रोध, भय, शोक आदि को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। - शशांकासन गुस्सा कम करने में : अगर किन्ही को गुस्सा ज़्यदा आता है तो उन्हें शशांकासन का अभ्यास जरूर करनी चाहिए।
- शशांकासन प्रजनन अंगों के लिए: यह प्रजनन अंगों को पुष्ट करते हुए प्रजनन से सम्बंधित बहुत सारी परेशानियों से बचाता है।
- शशांकासन लिवर एवं किडनी के लिए: यह आसन यकृत और गुर्दों की सक्रियता को बढ़ाता है और इन्हें स्वस्थ रखता है।
- पेट की मजबूती के लिए : यह उदर के भाग को मजबूत करते हुए पाचन संबंधी परेशानियों से आपको बचाता है।
- शशांकासन साइटिका के लिए: अगर आप किसी विशेषज्ञ के सामने इस आसन कर अभ्यास करते है तो साइटिका में बहुत हद तक आराम मिल सकता है।
- शशांकासन यौन विकारों में मददगार: यौन विकारों के मामलों में यह लाभकारी होता है।
- ह्रदय रोगियों के लिए: शशांकासन के अभ्यास से हृदय रोग में बहुत आराम मिलता है। इसलिए चाहिए कि हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इस आसन का अभ्यास जरूर करें।
- पीठ दर्द में लाभकारी: पीठ एवं गर्दन दर्द के लिए यह लाभकारी योगाभ्यास है।
- शशांकासन मेमोरी के लिए : यह आसन आंखों एवम मस्तिष्क के लिए लाभकारी है, मस्तिष्क में खून की यथासंभव पूर्ति करते हुए मेमोरी बढ़ाने में सहायक है।
- फेंफड़ों मजबूती के लिए: फेंफड़ों को मजबूत करने के लिए यह एक उत्तम योगाभ्यास है।
शशांकासन की सावधानी – Shashankasana precautions in Hindi
- पीठ दर्द से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- वर्टिगो वालों के यह आसन नहीं करनी चाहिए।
- स्लिप डिस्क की शिकायत में इस आसन को करने से बचें।
- हाई ब्लड प्रेशर संबन्धी समस्या होने पर इस योगाभ्यास को न करें।
- पेट और सिर की समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए।
- चक्कर आने पर भी इसका अभ्यास न करें।
- हर्निया वाले भी इसे करने से परहेज करें।
It helps to reduce stress and anxiety. It should be practiced by those who get angry soon.
कृपया बताएं शशांकासन और शशकासन में क्या फर्क है