गरुड़ासन योग क्या है – What is Garudasana in Hindi
गरुड़ासन योग खड़े होकर करने वाले योग में एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। यह अंडकोष एवं गुदा के लिए बहुत लाभकारी योगाभ्यास है। इस आसन में हाथ एक दूसरे में गूंथ लिए जाते हैं और छाती के सामने इस प्रकार रखे जाते हैं, जैसे गरुड़ की चोंच होती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहा जाता है। इस आसन के बारे में कहा जाता है कि गरुड़ पक्षी में बैठ कर भगवान विष्णु दिव्य लोकों की शैर किये।
गरुड़ासन योग विधि – Garudasana steps in Hindi
गरुड़ासन योग करना बहुत आसान है। नीचे दिए गए तरीकों को समझ कर इसको आप और आसानी के साथ इसका अभ्यास कर सकते हैं।
तरीका
- सबसे पहले आप सीधे खड़े हों।
- दाएं पांव को बाएं पांव के ऊपर से दूसरी ओर ले जाएं। अगर आपके जांघ मोटा है तो पहले पहले इसको करने में परेशानी हो सकती है। दूसरी तरफ पतली कमर और पतले जांघ वाले इसको आसानी अभ्यास कर सकते हैं।
- बाहों को रस्सीद के समान एक दूसरे में गूंथ दें।
- आपस में गुंथे हुए हाथों को गरुड़ की चोंच के समान छाती के आगे रखें। घुटने को मोड़कर संतुलन बनाएं।
- बाएं पांव को दाएं पांव के ऊपर से ले जाकर इसे दूसरी ओर भी करें।
- यह आधा चक्र हुआ।
- फिर दूसरे तरफ से करें।
- अब एक चक्र हुआ।
- इस तरह से आप तीन से पांच चक्र करें।
गरुड़ासन योग के लाभ – Garudasana benefits in Hindi
इस आसन के बहुत सारे लाभ है। इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।
- मन और शरीर में शांति: इस आसन के अभ्यास से मन और शरीर में शांति आती है और शरीर में सामंजस्य बना रहता है।
- अंडकोष को कम करता है: इसका नियमित अभ्यास से अंडकोष को बढ़ने से रोक जा सकता है।
- पैरों की मजबूती के लिए : यह पैरों और जांघों को मजबूत बनाता है।
- गुदा को स्वस्थ बनाने में: इसका नियमित अभ्यास से गुदा, मलाशय तथा मूत्राशय के रोगियों में उपयोगी पाया गया है।
- घुटनों के लिए लाभदायक: यह जोड़ों की सक्रियता बढ़ाता है, घुटनों, पैरों एवं जोड़ों का दर्द दूर करता है।
- हाथों के मजबूती के लिए: यह आपके हाथों को मजबूत बनाता है और कोहनी के दर्द से छुटकारा दिलाता है।
गरुड़ासन योग की सावधानी – Garudasana precautions in Hindi
- बहुत गंभीर गठिया में इस आसन को नहीं करनी चाहिए।
- नसों में सूजन होने पर इसको करने से बचना चाहिए।
- हड्डियों तथा जोड़ों में चोट होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।