भद्रासन क्या है – Bhadrasana in Hindi

अर्धमत्स्येंद्रासन का नाम महान योगी मत्स्येंद्रनाथ के नाम पर रखा गया है। शुरुवाती दौड़ में इसको करना आसान नहीं है इसलिए साधक इसको परिवर्तन करके करते हैं। इसीलिए इसमें परिवर्तन किया गया है। परिवर्तित प्रारूप अर्धमत्स्येंद्रासन कहलाता है। अर्धमत्स्येंद्रासन योग के बहुत सारे महत्वपूर्ण लाभ है लेकिन उसमें से एक खास फायदे हैं डायबिटीज को रोकना। इसलिए इसको डायबिटीज के रोकथाम के लिए रामबाण कहा गया है।
गरुड़ासन योग खड़े होकर करने वाले योग में एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। यह अंडकोष एवं गुदा के लिए बहुत लाभकारी योगाभ्यास है। इस आसन में हाथ एक दूसरे में गूंथ लिए जाते हैं और छाती के सामने इस प्रकार रखे जाते हैं, जैसे गरुड़ की चोंच होती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहा जाता है। इस आसन के बारे में कहा जाता है कि गरुड़ पक्षी में बैठ कर भगवान विष्णु दिव्य लोकों की शैर किये।
वृक्षासन दो शब्द मिलकर बना है ’वृक्ष’ का अर्थ पेड़ होता है और आसन योग मुद्रा की और दर्शाता है। इस आसन की अंतिम मुद्रा एकदम अटल होती है, जो वृक्ष की आकृति की लगती है, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। यह बहुत हद तक ध्यानात्मक आसन है जिसका बहुत अच्छा विवरण पुराने राजाओं के अभ्यास में मिलता है जैसेकि राजा अशोक। यह आपके स्वास्थ के लिए ही अच्छा नहीं है बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाये रखने में सहायक है।
‘पार्श्वऔ’ का अर्थ बगल होता है और ‘कोण’ का अर्थ कोण ही होता है। आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर पार्श्वर कोण बनाता है, इसीलिए इसे पार्श्वथकोणासन कहते हैं। खड़े होकर करने वाले इस आसन के लाभ बहुत सारे हैं। पार्श्वककोणासन स्वस्थ और तन्दुरुस्ती के लिए एक उम्दा योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से आप बहुत सारी स्वस्थ परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।