वक्रासन योग विधि, लाभ और सावधानी

वक्रासन योग क्या है – Vakrasana in Hindi

वक्रासन बैठ कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन ‘वक्र’ शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। यह आसन रीढ़ की सक्रियता को बढ़ाता है, मधुमेह से आपको बचाता है, डिप्रेशन में बहुत अहम भूमिका निभाता है, इत्यादि।vakrasana for diabetes

 

वक्रासन योग कैसे करें -How to do Vakrasana in Hindi

अब बात आती है कि इस आसन को सही तरीके से कैसे किया जाए। यहाँ पर इसके करने के सरल तरीके बताया जा रहा है जिसको अच्छी तरह समझ कर आप इसको आसानी से अपने घर पर कर सकते हैं।

  • आप अपने पांवों को फैलाकर जमीन पर बैठें।
  • ध्यान रहे दोनों पैरों के बीच दुरी न हो।
  • बाएं पांव को घुटने से मोड़ें और इसको उठा कर दाएं घुटने के बगल में रखें।
  • रीढ़ सीधी रखें तथा सांस छोड़ते हुए कमर को बाईं ओर मोड़ें।
  • अब हाथ के कोहनी से बाएं पैर के घुटने को दबाब के साथ अपनी ओर खीचें।
  • आप पैर को इस तरह से अपनी ओर खींचते हैं कि पेट में दबाब आए। अपने हिसाब से योगासन को मेन्टेन करें।
  • सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं।
  • यही क्रिया दूसरी ओर से दोहराएं।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

 

वक्रासन में सांस की प्रक्रिया

  • सांस छोड़ते हुए आप किसी एक तरफ मोड़ते हैं।
  • धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • लंबा सांस लेते हुए आरंभिक अवस्था में आएं।

 

वक्रासन के लाभ- Benefits of Vakrasana in Hindi

  1. डायबिटीज को रोकें वक्रासन योग: डायबिटीज या मधुमेह को रोकने के लिए वक्रासन एक अति उत्तम योगाभ्यास है। यह पैंक्रियास को सक्रिय करता है और सही मात्रा में इंसुलिन के स्राव में मदद करता है। इस तरह से यह डायबिटीज के कण्ट्रोल एवं प्रबंधन में अहम भूमिका निभाता है।
  2. वजन कम करने के लिए वक्रासन योग: इस योग के नियमित अभ्यास से आप अपनी पेट की चर्बी कम कर सकते हैं। जब इस योगाभ्यास की प्रैक्टिस किया जाता है तो पेट में अच्छा खास दबाब पड़ता है। इस योग पोज़ को ज़्यदा देर तक मेन्टेन करने से धीरे धीरे पेट की चर्बी गलने लगती है। यही नहीं आप पेट की दूसरी परेशानियों से भी निजात पा सकते हैं।
  3. रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण: यह योगाभ्यास रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हुए इसको स्वस्थ बनाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है।
  4. कमर दर्द से छुटकारा करे वक्रासन: यह आप के कमर के ऐंठन को कम करते हुए इसे लचीला बनाता है और कमर दर्द से आपको छुटकारा दिलाता है।
  5. ऐंठन एवं मरोड़ से बचाना: यह आपको रीढ़ की ऐंठन एवं मरोड़ से बचाता है।
  6. वक्रासन डिप्रेशन कम करने के लिए: इसके नियमित अभ्यास से आप डिप्रेशन पर काबू पा सकते हैं।
  7. तंत्रिका तंत्र के लिए उत्तम आसन: यह तांत्रिक तंत्र को स्वस्थ बनाते हुए इसके काम काज में फुर्ती लेकर आता है।
  8. वक्रासन कब्ज कम करने के लिए: वक्रासन योग के अभ्यास से पाचन क्रिया में एक तरह से जान आ जाती है जो कब्ज, अपच एवं गैस की समस्यओं से आपको बचाता है।
  9. वक्रासन पाचन के लिए: इससे पेट और पाचन क्रिया से सम्बंधित सभी अंगों को सक्रियता मिलती है एंजाइम एवं हॉर्मोन के स्राव में मददगार साबित होती है।
  10. वक्रासन फेपड़े के लिए : इस से फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और फेपड़े से सम्बंधित ज्यादातर परेशानियों को कम करने में सहायक है।
  11. वक्रासन गर्दन के दर्द के लिए: इसके अभ्यास से गर्दन को भी दाएं बाएं घुमाया जाता है जिससे गर्दन के मांसपेशियां धीरे धीरे ढीला होने लगता है।

 

वक्रासन की सावधानियां – Vakrasana precautions in Hindi

  • पेट दर्द में वक्रासन नहीं करनी चाहिए।
  • घुटने का दर्द होने पर इस आसन के करने से बचना चाहिए।
  • ज़्यदा कमर दर्द में इसे न करें।
  • कोहनी में दर्द होने पर इसको करने से इसको बचना चाहिए।
  • गर्दन दर्द होने पर भी इसको करने से बचें।

 

1 thought on “वक्रासन योग विधि, लाभ और सावधानी”

  1. इस सामग्री में निश्चित रूप से वह सभी जानकारी और तथ्य हैं जो मैं इस विषय से संबंधित चाहता था।

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